आज कुछ नया करने की उम्मीद में ये ब्लॉग लिखने की कोशिश का रहा हूँ .. इस ब्लॉग में बहुत कुछ मैंने नहीं लिखा है.. बस एक गुलदस्ता बनाने की कोशिश की है... मै इस में कितना कामयाब हुआ हूँ ये तो आप लोगो को ही बताना है....
Tuesday, May 28, 2013
Friday, May 24, 2013
तुम बिन
आज कुछ कमी सी है ..... तुम बिन !!!
ना रंग, ना रौशनी ही है ..... तुम बिन !!!
वक्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है .....
बस, एक धड़कन सिर्फ थमी सी है ..... तुम बिन !!!
ना बारिश है, ना धुआं ही .....
फिर भी दिल में तपीश सी है ..... तुम बिन !!!
बहुत रोका है मैंने बदल को, बरसने से .....
फिर भी, आँखों में नमी सी है ..... तुम बिन !!!
Thursday, May 9, 2013
कितना खूबसूरत है प्यार ....
कौन-सा जादू है इस नन्हे शब्द 'प्यार' में कि सुनते ही रोम-रोम में शहद का मीठा अहसास जाग उठता है। जिसे लव हुआ नहीं, उसकी इच्छा है कि हो जाए, जिसे हो चुका है वह अपने सारे 'एफर्ट्स' उसे बनाए रखने में लगा रहा है।
प्रेम, प्यार, इश्क, मोहब्बत, नेह, प्रीति, अनुराग, चाहत, आशिकी, लव। ओह! कितने-कितने नाम। और मतलब कितना स्वीट, सोबर और ब्यूटीफूल। आज प्रेम जैसा कोमल शब्द उस मखमली लगाव का अहसास क्यों नहीं कराता जो वह पहले कराता रहा है?
जो इन नाजुक भावनाओं की कच्ची राह से गुजर चुका है वही जानता है कि प्यार क्या है? कभी हरी दूब का कोमल स्पर्श, तो कभी चमकते चाँद की उजली चाँदनी।
सच्चा प्यार फीजिकल एट्रेक्शन नहीं है, बल्कि सुंदर सजीले रंगों की मनभावन बरखा है प्यार। अपने प्यार की एक झलक देख लेने की 'पिंक' बेचैनी है प्यार। 'उसके' पास होने अहसास को याद करने की 'ऑरेंज' इच्छा है प्यार। उसकी आवाज सुनने को तरसते कानों की 'रेड' गुदगुदी है प्यार।
उसकी स्माइल के पर दिल में गुलाल की लहर का उठना है प्यार। उसके पहले उपहार से शरबती आँखों की बढ़ जाने वाली चमकीली रौनक है प्यार। कितने रंग छुपे हैं प्यार के अहसास में?
सूखे हुए फूल की झरी हुई पँखुरी है प्यार। किसी किताब के कवर में छुपी चॉकलेट की पन्नी भी प्यार है और बेरंग घिसा हुआ लोहे का छल्ला भी।
प्यार कुछ भी हो सकता है। कभी भी हो सकता है। बस, जरूरत है गहरे-गहरे और बहुत गहरे अहसास की।
प्यार का अर्थ सिर्फ और सिर्फ देना है। और देने का भाव भी ऐसा कि सब कुछ देकर भी लगे कि अभी तो कुछ नहीं दिया।
प्यार किसी को पूरी तरह से पा लेने का स्वार्थ नहीं है, बल्कि डेटिंग पर अकेले में एक-दूजे को देखते रहने की भोली तमन्ना है प्यार। बाइक पर अपने साथी से लिपट जाना ही नहीं है प्यार, एक-दूसरे का रिस्पेक्ट और डिग्निटी है प्यार।
उधार लेकर प्रेशियस गिफ्ट खरीदना ही नहीं है प्यार, बल्कि अपनी सैलेरी से खरीदा भावों से भीगा एक रेड रोज भी है प्यार। प्यार को और क्या नाम दिए जाएँ, वह तो बस प्यार है, उसे पनपने के लिए हेल्दी स्पेस दीजिए।
प्यार की सीढ़ियाँ ...
हमने लैला-मजनूँ, रोमियो-जूलियट, सोहनी-महिवाल, हीर-रांझा के प्रेम के किस्से बहुत सुने...कुछ लोग उसे काल्पनिक भी कहते हैं। लेकिन आज मै जो प्रेम कथा आपके सामने लाया हूँ वह सत-प्रतिशत सत्य है। प्यार के बड़े-बड़े वादे तो हर कोई करता है... लेकिन जीवनभर साथ निभाने वाले लोग बहुत कम होते हैं।
यह कथा दो ऐसे प्रेमियों की है जिन्होंने देश-दुनिया से दूर रहकर भी उम्रभर एक दूसरे का साथ दिया। यह कथा चीन प्रांत की है। जहाँ पर एक बूढ़े शख्स और बूढ़ी औरत ने दुनिया की परवाह न करते सिर्फ एक-दूसरे के साथ रहकर अपने जीवन के पचास साल व्यतीत कर दिए।
वह दोनों चीन के दक्षिणी चौंगकिंग नगर की जियांगलिन कांउटी में बसी पहाड़ी पर स्थित एक गुफा में रहते थे। वह अपनी बूढ़ी पत्नी से बहुत प्यार करता था। चूँकि वह उससे दस साल बड़ी थी। इसलिए उसने अपना पूरा ध्यान अपनी प्यारी पत्नी की जरूरतों को पूरा करने में दिया।
आज से पचास साल पहले जब वो दोनों यहाँ पर आए थे तब उनके पास न तो कोई खाना था, न बिजली, न घर का कोई सामान। कुछ दिनों तक उन्होंने एक गुफा में रहकर घास और कंदमूल से ही अपना गुजारा किया। बाद में लुई नाम के इस 70 साल के बूढे प्रेमी ने अपनी पत्नी शू के लिए केरोसिन लेम्प बनाया और इस प्रकार उनके घर में रोशनी का आगमन हुआ।
दोस्तो, आप सोच रहेंगे कि इसमें ऎसी कौन सी बात है। जो इसे सबसे श्रेष्ठ प्रेम कथा कहा जा रहा है...तो सुनिए इसका जवाब...
आज से पचास साल पहले जब 19 साल के लुई गुओजियांग ने 29 साल की विधवा महिला शू चाओजिन को देखा तो पहली नजर में ही दोनों के बीच में प्यार हो गया।
उन्होंने अपनी शादी की बात अपने परिजनों के सामने रखी तो सभी ने उनका जमकर विरोध किया। शू भी लुई को बहुत चाहती थी। उन दोनों ने अपने परिवार के लोगों को मनाने का बहुत प्रयास किया लेकिन किसी को भी उन दोनों का रिश्ता मान्य नहीं था। आखिर में उन दोनों ने भागकर शादी कर ली और सबसे दूर दक्षिणी चौंगकिंग नगर की जियांगलिन कांउटी में बसी पहाड़ी पर स्थित एक गुफा में जाकर अकले रहने लगे।
शू उम्र में लुई से दस साल बड़ी थी। उसे पहाड़ से अपने घर तक की चढा़ई पार करने में मुश्किल हुई। लुई को यह बात मालूम थी इसलिए उसने यहाँ पर आने के दूसरे दिन से ही पहाड़ को काटकर सीढ़ियाँ बनाना शुरू कर दिया था। यह सिलसिला पचास सालों तक चला। इतने समय में उसने अपनी प्यार पत्नी की सहूलियत के लिए खुद अपने हाथों से लगभग 6 हजार सीढ़ियाँ बनाईं जो आज भी इस पहाड पर हैं।
वर्ष 2001 में इन सीढ़ियों पर साहसिक कार्य करने वाली एक संस्था का ध्यान पड़ा। पहले तो वह लोग यह मानने के लिए तैयार ही नहीं हुए कि इसको किसी एक आदमी ने अपने जीवन के पचास साल देकर खुद अपने हाथों से बनाया है, लेकिन बाद में उन लोगों को इस पर भरोसा हुआ।
एक दिन खेत से घर आने के बाद लुई अचानक ही बेहोश हो गया। यह उसके जीवन का अंतिम समय था। उसका हाथ अपनी पत्नी के हाथ में था। शू उसे देखकर रो रही थी। लुई ने एक प्यारभरी मुस्कान से शू के सामने देखा और फिर धीरे-धीरे उसकी आँखे हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो गई।
तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम जीवनभर मेरी देखभाल करोगे । तुम तब तक मेरा साथ नहीं छोड़ोगे जब तक मै इस दुनिया मे हूँ। और आज तुम मुझसे पहले ही यह दुनिया छोड़कर जा रहे हो । आखिर तुमने मेरे साथ धोखा किया है। लुई, मैं तुम्हारे बगैर कैसे जी सकूँगी।
उस बूढ़ी़ औरत की आँखों में आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे। वह एक काले ताबूत में लिपटी हुई अपने पति की लाश के सामने फूट-फूटकर रो रही थी।
वर्ष 2006 में 'चाइनीज वूमन वीकली' ने उनके प्यार की इस दास्तान को चीन की सर्वश्रेष्ठ 10 प्रेम कहनियों में से एक के तौर पर प्रदर्शित की। यहाँ की स्थानीय सरकार ने आज भी उस 'प्यार की सीढ़ियों' को सुरक्षित रखा है और वह स्थान जहाँ पर यह दोनो प्रेमी रहते थे उसको म्यूजियम में तब्दील किया गया है। यहाँ पर हर दिन कई सारे प्रेमी आते हैं।
यह कथा दो ऐसे प्रेमियों की है जिन्होंने देश-दुनिया से दूर रहकर भी उम्रभर एक दूसरे का साथ दिया। यह कथा चीन प्रांत की है। जहाँ पर एक बूढ़े शख्स और बूढ़ी औरत ने दुनिया की परवाह न करते सिर्फ एक-दूसरे के साथ रहकर अपने जीवन के पचास साल व्यतीत कर दिए।
वह दोनों चीन के दक्षिणी चौंगकिंग नगर की जियांगलिन कांउटी में बसी पहाड़ी पर स्थित एक गुफा में रहते थे। वह अपनी बूढ़ी पत्नी से बहुत प्यार करता था। चूँकि वह उससे दस साल बड़ी थी। इसलिए उसने अपना पूरा ध्यान अपनी प्यारी पत्नी की जरूरतों को पूरा करने में दिया।
आज से पचास साल पहले जब वो दोनों यहाँ पर आए थे तब उनके पास न तो कोई खाना था, न बिजली, न घर का कोई सामान। कुछ दिनों तक उन्होंने एक गुफा में रहकर घास और कंदमूल से ही अपना गुजारा किया। बाद में लुई नाम के इस 70 साल के बूढे प्रेमी ने अपनी पत्नी शू के लिए केरोसिन लेम्प बनाया और इस प्रकार उनके घर में रोशनी का आगमन हुआ।
दोस्तो, आप सोच रहेंगे कि इसमें ऎसी कौन सी बात है। जो इसे सबसे श्रेष्ठ प्रेम कथा कहा जा रहा है...तो सुनिए इसका जवाब...
आज से पचास साल पहले जब 19 साल के लुई गुओजियांग ने 29 साल की विधवा महिला शू चाओजिन को देखा तो पहली नजर में ही दोनों के बीच में प्यार हो गया।
उन्होंने अपनी शादी की बात अपने परिजनों के सामने रखी तो सभी ने उनका जमकर विरोध किया। शू भी लुई को बहुत चाहती थी। उन दोनों ने अपने परिवार के लोगों को मनाने का बहुत प्रयास किया लेकिन किसी को भी उन दोनों का रिश्ता मान्य नहीं था। आखिर में उन दोनों ने भागकर शादी कर ली और सबसे दूर दक्षिणी चौंगकिंग नगर की जियांगलिन कांउटी में बसी पहाड़ी पर स्थित एक गुफा में जाकर अकले रहने लगे।
वर्ष 2001 में इन सीढ़ियों पर साहसिक कार्य करने वाली एक संस्था का ध्यान पड़ा। पहले तो वह लोग यह मानने के लिए तैयार ही नहीं हुए कि इसको किसी एक आदमी ने अपने जीवन के पचास साल देकर खुद अपने हाथों से बनाया है, लेकिन बाद में उन लोगों को इस पर भरोसा हुआ।
एक दिन खेत से घर आने के बाद लुई अचानक ही बेहोश हो गया। यह उसके जीवन का अंतिम समय था। उसका हाथ अपनी पत्नी के हाथ में था। शू उसे देखकर रो रही थी। लुई ने एक प्यारभरी मुस्कान से शू के सामने देखा और फिर धीरे-धीरे उसकी आँखे हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो गई।
तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम जीवनभर मेरी देखभाल करोगे । तुम तब तक मेरा साथ नहीं छोड़ोगे जब तक मै इस दुनिया मे हूँ। और आज तुम मुझसे पहले ही यह दुनिया छोड़कर जा रहे हो । आखिर तुमने मेरे साथ धोखा किया है। लुई, मैं तुम्हारे बगैर कैसे जी सकूँगी।
उस बूढ़ी़ औरत की आँखों में आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे। वह एक काले ताबूत में लिपटी हुई अपने पति की लाश के सामने फूट-फूटकर रो रही थी।
वर्ष 2006 में 'चाइनीज वूमन वीकली' ने उनके प्यार की इस दास्तान को चीन की सर्वश्रेष्ठ 10 प्रेम कहनियों में से एक के तौर पर प्रदर्शित की। यहाँ की स्थानीय सरकार ने आज भी उस 'प्यार की सीढ़ियों' को सुरक्षित रखा है और वह स्थान जहाँ पर यह दोनो प्रेमी रहते थे उसको म्यूजियम में तब्दील किया गया है। यहाँ पर हर दिन कई सारे प्रेमी आते हैं।
दोस्ती हो या प्यार सबके लिए अलग है गुलाब.....
गुलाब के रंगों का अर्थ
लाल:
लाल रंग का गुलाब पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका व चाहने वालों के बीच अगाध प्रेम और जुनून को व्यक्त करता है। इस वेलेंटाइन वीक पर आप भी लाल गुलाबों का गुलदस्ता भेजकर अपने चाहने वालों को प्यार का अहसास करा सकते है।
पीला:
गुलाब का पीला रंग खुशी, विश्वास और दोस्ती का अहसास कराता है। पीले रंग का गुलाब देने का मतलब होता है कि दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदलती जा रही हैं। वेलेंटाइन वीक में खास दोस्तों को पीले गुलाब भेजे जा सकते हैं।
सफेद:
गुलाब का सफेद रंग शालीनता, गोपनीयता, मासूमियत और आकर्षण का प्रतीक है। जिन लोगों के साथ आपके संबंध ठीक-ठाक हैं उन्हें सफेद गुलाब भेजकर आप उनकी अहमियत का अहसास करा सकते है।
नारंगी:
गुलाब का नारंगी रंग का उत्साह, इच्छा और आकर्षण का संकेत देता है। इस वेलेंटाइन डे पर अगर आप किसी के साथ प्रेम संबंध में बंधना चाहते हैं तो नारंगी गुलाब देकर आप अपनी दिल की बात सामने वाले को बता सकते है।
गुलाबी:
गहरे गुलाबी रंग का फूल, नम्रता, दया, कृतज्ञता और धन्यवाद देने में मददगार साबित होता है। अगर किसी ने आपकी सच्चे दिल से मदद की है तो उसे शब्दों के साथ गुलाब देकर इस बात का अहसास कराएं।
प्यार के रिश्ते..
उसकी बात सुनकर जैसे पैरो से ज़मीन निकल गयी हो, अपने कानो पर यकीन नहीं आ रहा था,, वह कहती जा रही थी हाँ मैं जा रही हूँ, मैंने यह जगह छोडने का फैसला बहुत पहले कर लिया था लेकिन तुम्हें पहले इसलिए नहीं बताया की मुझ मे इतनी ताकत नहीं थी कि तुम्हारा उदास चेहरा देख सकूँ अगर तुम ज़िद करते तो शायद मैं रुकने के लिए मजबूर हो जाती , बस अब अगर तुम मुझे चाहते हो तो मुझे नहीं रोकना, मुझे हंसी खुशी विदा करना, ज़िंदगी कभी रुकती नहीं है और ना ही किसी के जाने से खत्म हो जाती है, मिलना बिछड्ना तो नसीब मे लिखा होता है यह कभी मत सोचना कि मैं तुम्हें भूला दूँगी, ना मैं तुम्हें भुला पाओंगी और ना तुम मुझे, लेकिन हमारा साथ बस यहीं तक है !!
उसने अपनी बात खत्म किया और बाहर चली गयी और मैं दुख और निराश बैठा सोच रहा था आखिर क्या ऐसी मजबूरी थी जो वह बिना बताए चली गयी क्यो इतने दिनो का प्यार एक पल मे जुदा हो गया,, जिसके बिना एक पल भी गुजरना मुश्किल था वह हमेशा के लिए चला गया, क्या पारिवारिक रिश्तो के आगे प्यार के रिश्तो कि कोई कीमत नहीं होती है क्या प्यार के रिश्ते की कीमत खून के रिश्ते के आगे कुछ नहीं होती ? मैंने उसके लिए सब कुछ किया लेकिन आज वह मुझे अकेला छोड़ कर चली गयी, क्या उसने एक बार भी नहीं सोंचा की मैं उसके बग़ैर कैसे रहूँगा !! मैं तो एक दोराहे पर आ गया हूँ,, एक कदम बढ़ाना भी मुश्किल पड़ रहा था समझ मे नहीं आता था की ज़िंदगी कैसे गुज़ारी जाये !! थक कर एक जगह बैठ गया !! दूर कहीं से आवाज़ आ रही थी !!
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए यह मुनासिब नहीं आदमी के लिए
प्यार से भी ज़रूरी कई काम है प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए .
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